Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

आईआईएम-रोहतक का विद्यार्थी चलाता है 22 कंपनियां

आम तौर पर व्यावसायिक कोर्स की डिग्री लेने के बाद विद्यार्थी लुभावने रोजगार की चाह रखते हैं, लेकिन करनवीर सिंह की सोच इससे अलग थी। इसी के चलते वे एक अलग मुकाम हासिल करने में सफल हो सके।
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

सुनीत धवन/ट्रिन्यू
रोहतक, 19 दिसंबर
आम तौर पर व्यावसायिक कोर्स की डिग्री लेने के बाद विद्यार्थी लुभावने रोजगार की चाह रखते हैं, लेकिन करनवीर सिंह की सोच इससे अलग थी। इसी के चलते वे एक अलग मुकाम हासिल करने में सफल हो सके।
आईआईएम-रोहतक के एक्जीक्यूटिव एमबीए कार्यक्रम के विद्यार्थी 26 वर्षीय करनवीर विजनम ग्रुप का संस्थापक अध्यक्ष होने के साथ ही 22 कंपनियों के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स में शामिल हैं। वे वर्ल्ड इकॉनामिक फोरम और वर्ल्ड ट्रेड आर्गेनाइजेशन जैसे वैश्विक मंचों पर भी देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इसी के साथ वे 4 राज्य सरकारों की भागीदारी में जन कल्याण परियोजनायें भी चलाते हैं। इनमें मध्य प्रदेश, पंजाब, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ की सरकारें शामिल हैं। दैनिक ट्रिब्यून से बातचीत में सिंह कहा कि वे नौकरी की तलाश के स्थान पर हमेशा रोजगार सृजन करना चाहते थे। उन्होंने हमेशा महसूस किया कि जिंदगी का अर्थ केवल पैसा कमाना नहीं, अपितु एक प्रभाव छोड़ने में है। इसलिए उन्होंने कुछ ऐसा करने का फैसला किया जिससे लोगों की मदद हो तथा रोजगार के अवसर पैदा हों। उन्होंने बताया कि उनका ग्रुप उक्त सरकारों की भागीदारी में 4 कल्याण योजनायें सरकारी-निजी भागीदारी (पीपीपी) माॅडल के तहत चलाता है।
करनवीर लुधियाना निवासी हैं तथा बीटेक (इलेक्ट्राॅनिक एंड कम्युनिकेशन) करने के लिए इंदौर चले गये थे। वे यहां टेली-रिक्शा प्रोजेक्ट से सुर्खियों में आये। उन्होंने मोबाइल एप और टेली नेटवर्क द्वारा ऑटोरिक्शा को जोड़ दिया। इसका मकसद लोगों को हर जगह इसकी सुविधा मुहैया कराना था। उन्होंने ऑटोरिक्शा आपरेटरों की पत्नियों और अन्य परिजनों को भी स्वयं सहायता ग्रुपों से जोड़कर उन्हें स्वरोजगार का प्रशिक्षण दिलाया। उन्हें अगरबत्तियां, गुलदस्ते झाड़ू और अन्य घरेलू उपयोग की चीजें बनाना सिखाया गया। उनके ग्रुप ने इंदौर के सरकारी स्कूलों में शौचालय बनाने में भी मदद की। उन्होंने इस परियोजना के लिए विदेशी मदद के अलावा स्कूल शिक्षकों तथा पंचायत सदस्यों का भी सहयोग लिया। लुधियाना आने के बाद करनवीर ने नगर निगम के साथ मिलकर सार्वजनिक वाई फाई जोन विकसित करने के लिए भी भागीदारी की।
8,000 नौकरियां की सृजित
करनवीर स्टार्ट-अप उद्यमी बन कर सरकारी सहयोग से जनहित की कई परियोजनायें चला रहे हैं। वे अब तक करीब 8,000 नौकरियां सृजित कर चुके हैं। उन्होंने इस प्रकार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों के जीवन पर असर डाला है। उनका ग्रुप कई प्रतिष्ठित कारोबारी घरानों के इंटर्न को भी प्रशिक्षण देता है। इन्हें गेस्ट लेक्चर के लिए भी कई मंचों से बुलाया जाने लगा है।

Advertisement
Advertisement
×